Monday, June 3, 2013

Love Shayari - Page III (लव शायरी पेज III)



कुछ नशा आपकी बात का है,
कुछ नशा धीमी बरसात का है,
हमें आप यूँही शराबी मात कहिये,
ये दिल पर असर आपसे पहली मुलाकात का है।।


तेरे हुस्न के हम दीवाने हो गए,
तुझे अपना बनाते बनाते हम खुद से बेगाने हो गए,
ना छोड़ मुझे तू ए ज़ालिम,
तेरे करीब आकर हम दुनिया से दूर हो गये।।





निगाहें आपकी पहचान है हमारी,
मुस्कराहट आपकी शान है हमारी,
करना हिफाज़त तुम अपनी,
क्योंकि सांसे आपकी जान हैं हमारी।।।




दूर जाकर भी हम दूर जा ना सकेंगे,
कितना रोयेंगे हम बता ना सकेंगे,
ग़म इसका नहीं की आप मिल न सकोगे,
दर्द इस बात का होगा की हम आपको भुला न सकेंगे।।






प्यार की आनोखी मूरत हो तुम,
ज़िन्दगी की एक ज़रूरत हो तुम,
फूल तो खूबशूरत होते ही है,
पर फूलों से भी खुबशुरत हो तुम।।।



गिरती हुई बारिश की बूंदों को अपने हाथों में समेट  लो,
जितना पानी तुम समेट  पाए उतना याद तुम हमें करते हो,
जितना पानी तुम समेट नहीं पाए, उतना याद हम तुम्हे करते हैं।।।






हम तनहाइयों से नहीं,महफ़िलों से डरतें है,
हम जमाने से नहीं,अपने आप से डरतें हैं,
यूँ तो बहुत कुछ खोया है हमने,
पर न जाने क्यों आपको खोने से डरतें हैं,,,






गम मैं हँसने वालों को रुलाया नहीं जाता,
लहरों से पानी को हटाया नहीं जाता,
होने वाले हो जाते हैं खुद ही अपने,
किसी को कह कर अपना बनाया नहीं जाता,,,,,





पल भर मैं टूट जाये वोह कसम नहीं,
आपको भूल जाये वोह हम नहीं,
तुम हमे भूल जाओ इस बात में दम नहीं,
क्योंकि तुम हमे भूल जाओ इतने भी बुरे हम नहीं,,,


मैं तो शायर हूँ,
मुझे क्या पता साइंस क्या होता है,
नज़रों से चाँद ओझल होता है,
तो बेचैन हो जाता हूँ,
दिन के उजाले में भी तुझे चाहता हूँ,
रात के अंधरे में भी तुझे धुनता हूँ,
मैं तो शायर हूँ,
मुझे क्या पता साइंस क्या होता है,,,,



दिल ने तेरा प्यार पर मजबूर मुझ को कर दिया,
इस जहां की हर ख़ुशी से दूर मुझ को कर दिया,
जिस कदर चाहा था दिल ने पास तेरे आने को,
इस कदर दुनिया ने तुझ को मुझ से दूर कर दिया,,,






आसमान से ऊँचा कोई नहीं,
सागर से गहरा कोई नहीं,
यूँ तो मुझको सभी प्यारे है,
पर आपसे प्यारा कोई नहीं,.,.,.,






खुदा ने जब इश्क बनाया होगा,
तो खुद आजमाया होगा,
हमारी तो औकात ही क्या है,
इस इश्क ने खुदा को भी रुलाया होगा,.,.,.,


देखो आवाज़ देकर पास हमे पाओगी,
आओगे तनहा पर तनहा न जाओगे,
दूर रहकर भी तुमपे नज़र है मेरी,
हांथों से थम लेंगे जब भी ठोकर खाओगी,.,.,.,





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